Compulsive Scribbles
Monday, November 25, 2013
Diwali
मन मंदिर में जब कल साँझ दीप दमकते होंगे,
तो एक लौ की छाँव में अलसाते कुछ स्वप्न तुम्हारे होंगे
नीले, कुछ धानी और कुछ सुर्ख़ लाल होंगे
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